प्रश्न 1 - अर्थशास्त्र की परिभाषा लिखिए ।
अथवा
अर्थशास्त्र किसे कहते हैं?
उत्तर - अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत आर्थिक क्रियाओं (वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग) का अध्ययन किया जाता है।
'अर्थशास्त्र' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है - अर्थ (धन) + शास्त्र (विज्ञान) । अतः अर्थशास्त्र का शाब्दिक अर्थ है - "धन का अध्ययन "।
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प्रश्न 2 – व्यष्टि अर्थशास्त्र / सूक्ष्म अर्थशास्त्र / व्यक्तिगत अर्थशास्त्र / Micro Economics से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विषयवस्तु क्या है?
अथवा
व्यष्टि अर्थशास्त्र को व्यक्तिगत अर्थशास्त्र क्यों कहा जाता है?
उत्तर – व्यष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसके अंतर्गत व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों का अध्ययन किया जाता है। व्यष्टि अर्थशास्त्र में अर्थव्यवस्था के छोटे – छोटे भागों का अध्ययन किया जाता है। इसमें एक उपभोक्ता, एक फ़र्म, एक उद्योग, एक संगठन, एक संस्था आदि का अध्ययन किया जाता है। इसीलिए व्यष्टि अर्थशास्त्र को व्यक्तिगत अर्थशास्त्र भी कहा जाता है। व्यष्टि अर्थशास्त्र की मुख्य विषयवस्तु कीमत सिद्धान्त का विश्लेषण करना है।
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प्रश्न 3 – समष्टि अर्थशास्त्र / व्यापक अर्थशास्त्र/ सामूहिक अर्थशास्त्र / समग्र अर्थशास्त्र / Macro Economics की परिभाषा लिखिए ।
अथवा
समष्टि अर्थशास्त्र को व्यापक अर्थशास्त्र या सामूहिक अर्थशास्त्र क्यों कहा जाता है?
उत्तर – समष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र में राष्ट्रीय आय, राष्ट्रीय बचत, कुल आय, कुल उपभोग, सकल घरेलू पूंजी निर्माण, सामान्य कीमत स्तर, कुल जनसंख्या, मुद्रा की कुल पूर्ति आदि का अध्ययन किया जाता है। इसीलिए समष्टि अर्थशास्त्र को व्यापक अर्थशास्त्र या सामूहिक अर्थशास्त्र भी कहा जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र की मुख्य विषयवस्तु आय और रोजगार का विश्लेषण करना है।
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प्रश्न 4 - अर्थशास्त्र में 'व्यक्ति' से क्या आशय है?
उत्तर - अर्थशास्त्र में 'व्यक्ति' से आशय अपना निर्णय लेने और उत्पादन करने में सक्षम इकाई से है। यह निर्णय लेने में सक्षम इकाई कोई एक अकेला व्यक्ति अथवा परिवार , समूह , फर्म, कंपनी, समिति या कोई अन्य संगठन हो सकता है । जैसे - अर्थशास्त्र की भाषा में हमारा विद्यालय भी एक व्यक्ति है।
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प्रश्न 5 - अर्थशास्त्र में 'वस्तु' से क्या आशय है?
उत्तर - वस्तु विशेष से आशय उन भौतिक मूर्त वस्तुओं से है, जिनका उपयोग लोगों की इच्छाओं तथा आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए किया जाता है। उदाहरण - भोजन , वस्त्र, गाड़ी, पुस्तक आदि ।
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प्रश्न 6 - 'संसाधन' किसे कहते हैं?
उत्तर - 'संसाधन' से हमारा अभिप्राय उन वस्तुओं तथा सेवाओं से है, जिनका उपयोग अन्य वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करने में होता है।
जैसे - भूमि , पूंजी , श्रम , औज़ार , मशीनें इत्यादि ।
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प्रश्न 1 - अर्थशास्त्र की परिभाषा लिखिए ।
अथवा
अर्थशास्त्र किसे कहते हैं?
उत्तर - अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत आर्थिक क्रियाओं (वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग) का अध्ययन किया जाता है।
'अर्थशास्त्र' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है - अर्थ (धन) + शास्त्र (विज्ञान) । अतः अर्थशास्त्र का शाब्दिक अर्थ है - "धन का अध्ययन "।

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प्रश्न 2 – व्यष्टि अर्थशास्त्र / सूक्ष्म अर्थशास्त्र / व्यक्तिगत अर्थशास्त्र / Micro Economics से आप क्या समझते हैं? इसकी मुख्य विषयवस्तु क्या है?
अथवा
व्यष्टि अर्थशास्त्र को व्यक्तिगत अर्थशास्त्र क्यों कहा जाता है?
उत्तर – व्यष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसके अंतर्गत व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों का अध्ययन किया जाता है। व्यष्टि अर्थशास्त्र में अर्थव्यवस्था के छोटे – छोटे भागों का अध्ययन किया जाता है। इसमें एक उपभोक्ता, एक फ़र्म, एक उद्योग, एक संगठन, एक संस्था आदि का अध्ययन किया जाता है। इसीलिए व्यष्टि अर्थशास्त्र को व्यक्तिगत अर्थशास्त्र भी कहा जाता है। व्यष्टि अर्थशास्त्र की मुख्य विषयवस्तु कीमत सिद्धान्त का विश्लेषण करना है।
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प्रश्न 3 – समष्टि अर्थशास्त्र / व्यापक अर्थशास्त्र/ सामूहिक अर्थशास्त्र / समग्र अर्थशास्त्र / Macro Economics की परिभाषा लिखिए ।
अथवा
समष्टि अर्थशास्त्र को व्यापक अर्थशास्त्र या सामूहिक अर्थशास्त्र क्यों कहा जाता है?
उत्तर – समष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र में राष्ट्रीय आय, राष्ट्रीय बचत, कुल आय, कुल उपभोग, सकल घरेलू पूंजी निर्माण, सामान्य कीमत स्तर, कुल जनसंख्या, मुद्रा की कुल पूर्ति आदि का अध्ययन किया जाता है। इसीलिए समष्टि अर्थशास्त्र को व्यापक अर्थशास्त्र या सामूहिक अर्थशास्त्र भी कहा जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र की मुख्य विषयवस्तु आय और रोजगार का विश्लेषण करना है।
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प्रश्न 4 - अर्थशास्त्र में 'व्यक्ति' से क्या आशय है?
उत्तर - अर्थशास्त्र में 'व्यक्ति' से आशय अपना निर्णय लेने और उत्पादन करने में सक्षम इकाई से है। यह निर्णय लेने में सक्षम इकाई कोई एक अकेला व्यक्ति अथवा परिवार , समूह , फर्म, कंपनी, समिति या कोई अन्य संगठन हो सकता है । जैसे - अर्थशास्त्र की भाषा में हमारा विद्यालय भी एक व्यक्ति है।
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प्रश्न 5 - अर्थशास्त्र में 'वस्तु' से क्या आशय है?
उत्तर - वस्तु विशेष से आशय उन भौतिक मूर्त वस्तुओं से है, जिनका उपयोग लोगों की इच्छाओं तथा आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए किया जाता है। उदाहरण - भोजन , वस्त्र, गाड़ी, पुस्तक आदि ।
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प्रश्न 6 - 'संसाधन' किसे कहते हैं?
उत्तर - 'संसाधन' से हमारा अभिप्राय उन वस्तुओं तथा सेवाओं से है, जिनका उपयोग अन्य वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करने में होता है।
जैसे - भूमि , पूंजी , श्रम , औज़ार , मशीनें इत्यादि ।
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प्रश्न 7 - अर्थशास्त्र की विषयवस्तु क्या है?
अथवा
व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र की विषयवस्तु क्या है?
उत्तर - अर्थशास्त्र की विषयवस्तु उत्पादन , उपभोग , विनिमय , वितरण एवं राजस्व हैं। आधुनिक अर्थशास्त्र में इन सभी को दो भागों में रखा गया है -

व्यष्टि आर्थिक विश्लेषण - इसमें व्यक्तिगत इकाइयों का अध्ययन किया जाता है। जैसे - एक व्यक्ति , उपभोक्ता , फर्म , उद्योग , कंपनी आदि ।

समष्टि आर्थिक विश्लेषण - इसमें सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था या अर्थव्यवस्था के योगों का अध्ययन किया जाता है। जैसे - राष्ट्रीय आय , राष्ट्रीय बचत , कुल उपभोग , कुल आय आदि ।
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प्रश्न 8 - जीवन की मौलिक आवश्यकताएँ कौन सी है?
उत्तर - जीवन की मौलिक आवश्यकताएँ इस प्रकार हैं - भोजन , वस्त्र , आवास , स्वास्थ्य , शिक्षा ।
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प्रश्न 9 - संसाधनों के विनिधान से क्या आशय है ?
उत्तर - संसाधनों के विनिधान से हमारा आशय यह है कि किस संसाधन की कितनी मात्रा का उपयोग मात्र प्रत्येक वस्तु तथा सेवा के उत्पादन के लिए ही किया जाता है।
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प्रश्न 10 - अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याओं से क्या आशय है?
उत्तर - प्रत्येक अर्थव्यवस्था को इस समस्या का सामना करना पड़ता है कि विभिन्न संभावित वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन के लिए दुर्लभ संसाधनों का विनिधान किस प्रकार किया जाए अर्थात उनका उपयोग कैसे किया जाए । साथ ही यह भी निर्धारित करना पड़ता है कि वस्तुओं व सेवाओं का वितरण कैसे किया जाए । सीमित सांसाधनों का विनिधान तथा अंतिम वस्तुओं व सेवाओं का वितरण ही किसी अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याएँ होती हैं । सारांश रूप में संसाधनों का समुचित प्रयोग करके वस्तुओं व सेवाओं का उत्पादन तथा वितरण करना ही अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याएँ होती हैं ।

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